आज के समय जब पूरी दुनिया सिमट कर हमारी उंगलियों पर आ गयी है और यह सब संभव हो पाया है केवल सूचना प्रौधोगिकी के कारण और इस सूचना प्रौधोगिकी का सारा आधार है इंटरनेट । दुनिया में सबसे ज्यादा इंटरनेट प्रयोग करने वालों की संख्या चीन में है और भारत जैसे देश मे भी लगभग 20 करोड़ लोग वर्तमान समय में इंटरनेट का प्रयोग कर रहे है और आने वाले दिनों में और तेजी से बढ़ेगी क्योंकि दिन प्रतिदिन इसके प्रयोग करने वालों की संख्या बढ़ रही है!!
इन्टरनेट जिस के फायदे बहुत है तो इसके खतरे भी बहुत है ...
आज इंटरनेट पर दुनिया भर की इतनी अधिक जानकारियां उपलब्ध है कि उनका मानव भलाई के लिए प्रयोग कम और विनाश के लिए प्रयोग कुछ ज्यादा ही हुआ है जैसे कि हम देख सकते कि आज इंटरनेट पर बम बनाने के तरीके आसानी से उपलब्ध है और चाइल्ड़ पोनोग्राफी जैसी सामग्री जिस का बेजा इस्तेमाल आज की पीढ़ी कर रही है लेकिन अब जो खुलासे मै करने वाला हूँ अपने इस लेख के माध्यम से शायद उसको पढ़ के हर माता पिता सोचने पे मजबूर हो जाये .. और पानी सर के ऊपर से गुजरे उससे पहले इसको रोकने के लिए हमारी सरकार कुछ कड़े कदम उठाये !!
भारत में आज कल हर युवा इन्टरनेट का प्रयोग करता हे .. अधिकतर घरो मै इन्टरनेट की सुविधा ले रखी हे बच्चे अपने पेरेंट्स को कहते है की उन्हें इन्टरनेट जरुरी है और वो दिन भर उसका इस्तेमाल करते है .. माता पिता को लगता है की बच्चा पढ़ रहा है लेकिन शयद वो नहीं जानते की बच्चा इन्टरनेट के माध्यम से घर मै बैठे हुए ही किस नयी दुनिया मै सफ़र कर रहा है , किन नए लोगो से मिल रहा है और जाने क्या क्या नयी बाते सिख रहा है !!
इन्टनेट की सोशल वेब साइट्स जैसे ऑरकुट , याहू फेसबुक बच्चो के बीच मै बहुत ही फेमस है वो दिन मै घंटो इन्ही पे बिता देते है
मै इन्टरनेट का रेगुलर यूज करता हूँ मेरा खुद का साइबर कैफे है और जितनी भी सोशल साइट्स है करीब करीब सब मैंने use की है ऑरकुट फेसबुक और याहू इंडिया की फेमस सोशल साइट्स है.. दिखने मै सब कुछ सिम्पल सा लगता है लेकिन जब आप इन का उसे करोगे तो आप को पता चलेगा की हकीकत कुछ और है और ये साइट्स आज की युवा पीढ़ी को सेक्स ज्ञान के आलावा कुछ और नहीं बाँट रही है
मैंने इस पे काफी सर्च किया है और याहू इस के चाट रूम मै खाली सेक्स पे बात होती है इन चाट रूम मै आप को १५ साल के छोटे बच्चे से लेकर के ४५ साल के शादी शुदा लोग मिल जायेंगे जो विर्चुली सेक्स करते है ओन्न वेब केम यदि आप के पास वेब केम है तो आप अपने इशारे पे सामने वाले से कुछ भी करा सकते हो कुछ भी मतलब हर तरह की अश्लील हरकते वो भी लाइव
इन चाट रूम मै वाइफ स्वेपिंग , कॉल गर्ल , कॉल बॉय आसानी से मिल जायेंगे और १८ से २८ साल के लड़के लड़कियां आपस मै सेक्स करने के लिए हमेशा तयार मिलेंगे
और यदि आप एक ही शहर के है और किसमत साथ दे तो शायद आप रियल लाइफ तक अपनी विर्चुअल लाइफ को ले जाए , मतलब एक आसन सा जरिया सेक्स मार्केटिंग का !!
आज हर घर मै ये सोशल साइट्स काम मै ली जाती है माता पिता को लगता है की बच्चे पढाई के लिए इस्तेमाल कर रहे है लेकिन शायद उन्हें नहीं पता की उनके बच्चे किस राह की तरफ बढ़ रहे है अनजाने मै ही !!
विजय पाटनी
नसीराबाद
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Thursday, April 29, 2010
Tuesday, April 20, 2010
बारिश
सूरज की बाद्लों से आँख मिचोली चल रही है ..
तपती धरती को बारिश की ठंढी फुहारे मिल रही है !!
सब खुश है चारो और ...बस एक हमे छोड़ कर
हमे तो इस मोसम में बस आप की कमी खल रही है !!
तपती धरती को बारिश की ठंढी फुहारे मिल रही है !!!
आप आयेंगे नही आप को ख्याल ही कहा है हमारी खुशी का ॥
आप की और भी कुछ बादल कर दे हवा से हमारी बात चल रही है !!
तपती धरती को बारिश की ठंढी फुहारे मिल रही है !!!
बारिश की बूंन्दे कुछ इस तरह से गिरी है तन पे ..
जैसे आप ने छुहा हो हमे प्यार से .... आ जाओ अब तो ये रात भी ढल रही है !!
तपती धरती को बारिश की ठंढी फुहारे मिल रही है !!!
इसे आप शिकायत मत समझना ..हम नाराज़ नही है आप से ..
बस ये तो हमारी तमन्नाये है जो मचल रही है !!
तपती धरती को बारिश की ठंढी फुहारे मिल रही hai !!!
Saturday, April 17, 2010
दादी आ रही है ......
सुधा collage जाने को तैयार हो ही रही थी ... की तभी फ़ोन की रिंग बजी
फ़ोन सुधा की कजिन का था ...उस ने कहा दादी आज वहा आ रही है तुम स्टेशन चल जाना लेने को ॥
ये सुनते ही सुधा की आँखों के सामने फिर से वो पुराने कड़वी यादे घुमने लगी .......
भारी मन से collage को निकली रस्ते में उस की सहेली उमा मिल गई
उमा : क्या हुआ सुधा बहुत परेशान लग रही हो ?
सुधा : हा यार दादी आ रही है आज
उमा : ओह राम जी दादी ( उमा को भी दादी की आदतों की जान कारी थी )
(सुधा की दादी वैसे तो बहुत धर्मात्मा है दिन भर पूजा पाठ में लगी रहती है....दान धरम में आगे रहती है
अपना काम भी ख़ुद ही करती है वो अपने कपड़े धोने से लेकर खाना बनाना तक !!उम्र के ६५ बसंत पार हो चुके है पर आज भी बच्चो जैसी फुर्ती है उन में !!)
बस दादी चुप नही रह सकती वो जरूर सब पर अपने राय थोपेगी ... सब को अपने हिसाब से चलने को बोलेगी
हर बात में हर इन्सान में कमी निकलना उन की आदत में है )
सुधा : उमा हाँ यार दादी आज आ रही है ,अब फिर से रोज की चिक चिक चालु हो जायेगी माँ और दादी के बीच !!
फिर से पुरे मोहल्ले को पता चलेगा की इस घर में जानवर ही रहते है दिन भर शोर सुनाई देगा सब को हमारे घर से
!!
uma : दादी को रहने को खाने पिने को कोई कमी नही है भगवन की दया से बड़ा परिवार है सब बच्चो के
बड़े बड़े मकान है ...दादी चाहे तो सब को आर्डर दे के अपना काम करा सकती है , लेकिन पता नही क्यो वो ख़ुद काम करना चाहती है अबभी?? पता नही उन को अब भी क्यो मोह माया से लगाव है इतना ?? क्यो वो धरम धयान में मन नही लगाती पुरा !!!??
क्यो हर जगह अपने बहु बेटो का मजाक बनाने में लगी रहती है .??.. जब की सब बेटे बहु इतना धयान रखते है उन का !!
सुधा : चुप है उस को समझ नही आ रहा क्या जवाब दे वो इन सवालो का ??
वो ख़ुद ये जाना चाहती है की क्यो बुजुर्ग लोग उम्र के इस पड़ाव पे आकर बच्चो से दूर हो जाते है ?? क्यो वो अपना सव्भाव नही बदलते ? वो क्यो चाहते है की लोग उन के हिसाब से चले जो की मुमकिन नही है नई पीडी के लिए॥
ये कहानी है उन सब की जिन घरो में बड़े बुजुर्ग आज भी अपना रौब चलाते है बच्चो पे .... अपने बहु बेटो में कमी निकलना ज़माने भर में उन की बुराई करना आदत बन गई है , जिन को ऐसा लगता है की अगर हम ने अपना रौब छोड़ा तो हमारा बुढापा ख़राब हो जायेगा ?
में यह नही कहता की बुजुर्ग है तो उन को कोने में पटक दो एक ...और भूल जाओ नही !!! लेकिन उन को ये समझना जरूरी है की अब समय आ गया है की हम किसी को अपने हिसाब से न चलाये बल्कि कुछ परिवर्तन
अपने में लाने की कोशिश करे ....सीधा खड़ा हुआ पेड़ जड़ से उखड जाता है लेकिन अगर वो फल के बोज से झुका हो तो नही गिरता !! कभी कभी झुकने में भी मान बढता है .....
अपने विचार देते रहे .....
Monday, April 12, 2010
जिन्दगी की किताब
मेरी जिन्दगी की किताब में कुछ पन्ने ऐसे जुड़े है ....जिन को मेरे अपने पढ़ के भी नही समझ पाये !!
और गेरों ने दूर से देख के ही जिन को समझ लिया ....
कोन कहता है खून के रिश्ते दिल के सब से ज्यादा करीब होते है ....
इस दुनिया में जिन के दोस्त नही है आप से ......वो लोग सब से ज्यादा गरीब होते है !!
आप ने उन पन्नो को पढ़ा ही नही है ..समझा है और दिल में उतारा है ...
और अपनी भावनाए भी जोड़ी है उन पन्नो के साथ ...
वो पन्ने जिन को देखना भी अपनों का नही गवारा है ॥
आप ने अपने प्रेम से उन को सवांरा है !!
वो पन्ने कूड़ा या रद्दी बन जाते अगर आप उन को नही अपनाते ॥
आप ने उन को संभाला है बचाया है दीमक लगने से और आंधियो में भी उन्हें नही उड़ने दिया
एक एक पन्ने को प्यार से जोड़ा है .... एक किताब बना दी है उनकी
ऐसी किताब जो जिन हाथो में जायेगी ...तारीफ़ ही पाएगी
दुःख तो है ये की जिस ने इन पन्नो की किताब बनाई है .....उस का नाम तक नही है इस पे कही !!!
Tuesday, April 6, 2010
Monday, April 5, 2010
इज़हार-इ-इश्क..
ये कविता खास उन लोगो क लिए जो किसी से प्यार करते हैं और वो भी एकतरफा॥
या फिर वो जिससे प्यार करते हैं उन्होंने अपना इज़हार-इ-इश्क नहीं किया है॥
होंठो पे ना ,दिल में हाँ,
ये तो प्यार का दस्तूर है।
लाख छिपाया मगर आँखे कर गयी सच बयां,
तो इस में हमारा क्या कसूर है॥
एक वो हैं की जान कर भी अनजान बने हैं,
गुरूर है खुद पे या प्यार नहीं हमसे
जाने किस बात पे तने हैं॥
शायद गलती हमारी ही है,
जो बिन सोचे समझे प्यार किया
लायक नहीं हैं हम उनके,
जिन्हें ये दिल दिया॥
पर एहसास तो हमे भी हुआ था ,
की वो पसंद करते हैं हमे
ग़लतफहमी थी या वो सताना चाहते हैं हमे॥
ये कैसी कशमकश है,ये कैसा प्यार है,
कह दो अगर कुछ दिल में है।
हमे तो बस सुनने का इंतज़ार है॥
या फिर वो जिससे प्यार करते हैं उन्होंने अपना इज़हार-इ-इश्क नहीं किया है॥
होंठो पे ना ,दिल में हाँ,
ये तो प्यार का दस्तूर है।
लाख छिपाया मगर आँखे कर गयी सच बयां,
तो इस में हमारा क्या कसूर है॥
एक वो हैं की जान कर भी अनजान बने हैं,
गुरूर है खुद पे या प्यार नहीं हमसे
जाने किस बात पे तने हैं॥
शायद गलती हमारी ही है,
जो बिन सोचे समझे प्यार किया
लायक नहीं हैं हम उनके,
जिन्हें ये दिल दिया॥
पर एहसास तो हमे भी हुआ था ,
की वो पसंद करते हैं हमे
ग़लतफहमी थी या वो सताना चाहते हैं हमे॥
ये कैसी कशमकश है,ये कैसा प्यार है,
कह दो अगर कुछ दिल में है।
हमे तो बस सुनने का इंतज़ार है॥
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