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Sunday, February 26, 2012

तेरे ख्याल अनमोल


अलमारी के लोकर में. तेरे ख्यालों को महफूज रखता हूँ
मैं कहीं भी रहूँ , आँखों में तेरी तस्वीर, जरुर रखता हूँ |
एक पल भी खाली रहूँ तो, आती है तेरी याद
इसलियें मैं खुद को, हमेशा मशरूफ रखता हूँ |
करता हूँ घुमा फिरा के तेरी बातें सबसे
देख कितना मैं, तुझे मशहूर रखता हूँ ||
चाँद में देखूं तुझे , मुझे बदली में भी तू नजर आये
दिल में हमेशा प्यार का फितूर रखता हूँ |
कहतें है.. तेरा नशा शराब से बड़ कर है
इसलियें में खुद को तुझ से दूर रखता हूँ |
अलमारी के लोकर में. तेरे ख्यालों को महफूज रखता हूँ
मैं कहीं भी रहूँ , आँखों में तेरी तस्वीर, जरुर रखता हूँ |

5 comments:

विभूति" said...

वाह! बहुत ही प्यारी रचना..... सुन्दर भावो के साथ.....

Aditya said...

gajab sirji gajab.. mazaa aa gaya :)

palchhin-aditya.blogspot.in

sumukh bansal said...

कहतें है.. तेरा नशा शराब से बड़ कर है
इसलियें में खुद को तुझ से दूर रखता हूँ ...
nice one..

Sawai Singh Rajpurohit said...

बहुत खूब लिखा है इस रचना के लिए आभार

नई पोस्ट पर आपका स्वागत है !
सबसे पहले दक्ष को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनायें.!!
Active Life Blog

Aparajita said...

hmmm......
sundar rachna :) :)

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